UP Board Fee Hike: यूपी बोर्ड कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों की फीस में भारी बढ़ोतरी, 200% तब बढ़ाई गई

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UP Board Fee Hike
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UP Board Fee Hike: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज द्वारा यूपी बोर्ड 9वीं से लेकर 12वीं तक पढ़ाई कर रहे लाखों की संख्या में विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकों के लिए बोर्ड की तरफ से बहुत बड़ी खबर सामने निकल कर आई है। जिसमें यह बताया जा रहा है, कि यूपी सरकार ने राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9वी से 12वीं तक के फीस में बढ़ोतरी किया गया है।

UP Board Fee Hike
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जोकि राज्यपाल की मंजूरी के बाद तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। जिसमें आम अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ना की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में विद्यार्थियों के अभिभावकों क्या कहना है, कि कुछ गरीब विद्यार्थी हैं।जिनकी नई आयु वर्ग बहुत ही काम है। ऐसे में बहुत से विद्यार्थियों की पढ़ाई छूट सकती है।

जिसके चलते बहुत कुछ देखने को मिल रहा है। बाकी की जानकारी आप सभी विद्यार्थियों को इस लेख के माध्यम से आगे बताया गया है। आप सभी इसलिए को ध्यानपूर्वक अंत तक जरूर पढ़ें। क्योंकि आज का या लेख सभी विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है।

UP Board Fee Hike

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज द्वारा कई विद्यार्थियों के अभिभावकों को क्या कहना है, कि क्या फीस में बढ़ोतरी करने के बाद शिक्षा में सुधार देखने को मिल सकता है। क्योंकि इस वृद्धि को लेकर वास्तव में अभिभावकों के मन में इस तरह की सवाल आ रहे हैं।

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फेकू सरकार किस गुणवत्ता पूर्वक शिक्षण की दिशा में उठाया गया कम बता रही है। वहीं दूसरी ओर आम जनता इसे अपने बजट पर अतिरिक्त दबाव मान रही है। आने वाले समय में दिलचस्प होगा, कि सरकार इस फैसले से जुड़ी नीतियों को कैसे संभाल पाती है। और क्या वास्तव में शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सकता है।

UP Board Fee Hike (कक्षा 9वी से 12वीं तक फीस में कितनी बढ़ोतरी)

उत्तर प्रदेश के जितने भी विद्यार्थी हैं उनको तो पता ही होगा कि उत्तर प्रदेश की विद्यालयों में अभी तक कक्षा दसवीं की फीस ₹80 की जो की बढ़कर 500 कर दी गई। वहीं इंटरमीडिएट की फीस पहले ₹90 की वही बनाकर ₹600 कर दी गई है। या वृद्धि करीब 180% से लेकर 200%तक देखने को मिल रहा है।

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इसी तरह से कक्षा 9वी और ग्रामीण के विद्यार्थियों के फीस में भी इसी अनुपात से बढ़ोतरी किया गया है। सरकार गया कहना है, कि इस फैसले से शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। और विद्यालयों में बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। जैसे की परीक्षा संचालन, कॉफी का मूल्यांकन कार्य और प्रशासनिक खर्चों में लगातार इजाफा होता जा रहा है। ऐसे में पुरानी फीस से इसके लागत को पूरा करने में असमर्थ है।

फीस बढ़ाने को लेकर विद्यार्थियों के अभिभावकों में नाराजगी

इसी तरह से फेस में भारी बढ़ोतरी देखते हुए एक विद्यार्थी के अभिभावक की मां का यह कहना है कि हर ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावकों की आमदनी के हिसाब से वह अपने बच्चों को पढ़ाई कर रही थी। लेकिन अचानक से फीस में भारी बढ़ोतरी को देखते हुए हम अपने बच्चों की पढ़ाई कैसे करवा पाएंगे? वहीं कुछ छात्रों का कहना है, कि इसमें गरीब और निम्न आय वर्ग की विद्यार्थियों की पढ़ाई पर असर पड़ सकता है।

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क्योंकि इसकी वृद्धि से एक तरफ सरकार शिक्षा व्यवस्था को आत्मनिर्भर और संसाधन सक्षम बनाने की बात कर रही है, तो दूसरी ओर लाखों अभिभावकों पर आर्थिक भोज बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा, कि इस फैसले से दूरगामी प्रभाव क्या हो सकता है।

पांच प्रमुख शहरों में होगी स्क्रूटनी प्रक्रिया

स्क्रूटनी प्रक्रिया कुछ सीमित संसाधनों के साथ क्षेत्रीय कार्यालय में होती थी जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठाते थे। लेकिन आप वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ, बरेली और प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के विशेषज्ञ द्वारा कवियों की जांच की जाएगी। यूपी बोर्ड भगवती सिंह ने क्या बताया है, कि स्क्रूटनी का संशोधन परिणाम 10 जून तक घोषित किया जाएगा।

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